जब तक है जान - गुलज़ार

तेरी आँखों की नमकीन मस्तियाँतेरी हंसी की बेपरवाह गुस्ताखियाँ,
तेरी ज़ुल्फों की लहराती अंगराइयाँनहीं भूलूँगा मैं,
जब तक है जान... जब तक है जान...

तेरा हाथ से हाथ छोड़नातेरा सायों का रुख मोड़ना,
तेरा पलट कर फिर ना देखनानहीं माफ करूंगा मैं,
जब तक है जान... जब तक है जान...

बारिसों में बेधड़क तेरे नाचने सेबात-बात पर बेवजह तेरे रूठने से,
छोटी-छोटी तेरी बचकानी बदमासियों सेमोहब्बत करूंगा मैं,
जब तक है जान... जब तक है जान...

तेरी झूठी कसमों-वादों सेतेरे जलते-सुलगते ख्वाबों से,
तेरी बेरहम दुआओं सेनफ़रत करूंगा मैं,
जब तक है जान... जब तक है जान...